Sunday 24 July 2011

The Wonder of GOOD WISHES


        The Wonder of GOOD WISHES
Good wishes for the self are a form of real mercy for the self.
Good wishes for the self foster a caring and compassionate nature.
Good wishes for the self finish arrogance and plant the seed of humanity.
Good wishes for the self enable the heart to forgive and forget.
A merciful and generous heart always has good wishes for others.
Good wishes for others come from a heart that is honest, pure and clean.
Good wishes filled with pure feelings bring the hearts of others close.
Good wishes for others thus nurture friendship and security.
Those who shower others with good wishes are non-judgmental;
They have an unlimited heart.
Souls with good wishes never remember the past.
Good wishes cannot be bought; they can only be earned.
The power of good wishes enables many miracles:
The power of good wishes creates a strong channel in which the river of love cal flows.
The power of good wishes can bridge any conflict.
The power of good wishes enables that which has been spoilt to become all right.
The power of good wishes makes big problems into small puzzles, easily solved.
The power of good wishes makes the impossible possible.
By keeping the door of good wishes open, you will receive constant blessings.
                                I
                        Love
                 You
            My
  GOD...

Wednesday 13 July 2011

INTAJAR


मैं तो भेजता रहूँगा
हमेशा उसको
‘ढाई आखर’ से पगे खत
अपने पीड़ादायक क्षणों से
कुछ पल चुराकर
उन्हें कलमबद्ध करता ही रहूँगा
कविताओं और कहानियों में
मैं सहेज कर रखूँगा
सर्वदा उन पलों को
जब आखिरी बार
उसने अपने पूरेपन से
समेट लिया था अपने में मुझे
और दूर कहीं
हमारे मिलन की खुशी में
चहचहाने लगी थी चिड़ियाएं
ऐसा नहीं है कि
मैं भूलने की कोशिश नहीं करता हूँ उसे
भूलने की उत्कट कोशिश करता हूँ
पर भूल कहाँ पाता हूँ उसे
इस असफल कोशिश में
वह और भी उत्कटता से
याद आती है मुझे
हँसता हूँ
लेकिन हँसते-हँसते
छलक पड़ती हैं ऑंखें
उससे हजारों मील दूर आ गया हूं
फिर भी
मन है कि मानता नहीं
घूम-फिरकर
चला जाता है उसी के पास
मैं जानता हूँ
अब वह नहीं आएगी
किन्तु दिल और आंखें
इस अमिट सत्य को
आज भी मानने को तैयार नहीं
वे आज भी
इंतजार करते हैं उसकी
और उसकी उन खतों क
जो कभी नहीं आएगा।

Thursday 26 May 2011

दोस्ती

दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का..
बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में..

जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, दोस्ती में..

येह तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज..
दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, दोस्ती में..

नाम की तो जरूरत हई नहीं पडती इस रिश्ते मे कभी..
पूछे नाम अपना ओर, दोस्तॊं का बताते हैं, दोस्ती में..

कौन केहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी..
दूर रेह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं, दोस्ती में..

दर्द हो इनको ओर, आंसू उनके आते हैं , दोस्ती में..

माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये
पर हम तो अपना सिर झुकाते हैं, दोस्ती में..

दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का..
बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में..

जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त

Tuesday 19 April 2011

प्यार


प्यार खुश्यों का पैगाम है
प्यार मीठा सा इक जाम है
प्यार जीने की उम्मीद है
प्यार जीवन का इक नाम है
प्यार करके तो देखो कभी
प्यार है very very easy

प्यार "मीरा" का प्यारा भजन
प्यार दिल वालों की अंजुमन
प्यार हर दिल मैं आबाद है
प्यार "शीरीं" है "फरहाद" है
प्यार "मजनूं" है "लैला" भी है
"हीर" है प्यार "राँझा" भी है
प्यार "राधा" है और "श्याम" है
प्यार खुश्यों का पैगाम है
प्यार मीठा सा इक जाम है
प्यार जीने की उम्मीद है
प्यार जीवन का इक नाम है

प्यार रिम झिम सी बरसात है
प्यार तो चांदनी रात है
प्यार तो दिल की आवाज़ है
प्यार कुदरत का इक राज़ है
प्यार शबनम की इक बूंद है
प्यार हर शै में मौजूद है
प्यार ही सुब्ह और शाम है
प्यार खुश्यों का पैगाम है
प्यार मीठा सा इक जाम है
प्यार जीने की उम्मीद है
प्यार जीवन का इक नाम ही

प्यार सूरज की उगती किरण
प्यार साहिल की ताज़ा पवन
प्यार नगमा कोई खास है
प्यार नाज़ुक सा एहसास है
प्यार की इक अलग शान है
प्यार की अपनी पहचान है
कौन कहता है गुम्नाम है
प्यार खुश्यों का पैगाम है
प्यार मीठा सा इक जाम है
प्यार जीने की उम्मीद है
प्यार जीवन का इक नाम है
प्यार करके तो देखो कभी
प्यार है very very easy .
वसी बस्तवी

Friday 8 April 2011

tufan


तुम तूफान समझ पाओगे ?

गीले बादल, पीले रजकण,
सूखे पत्ते, रूखे तृण घन
लेकर चलता करता 'हरहर'--इसका गान समझ पाओगे?
तुम तूफान समझ पाओगे ?

गंध-भरा यह मंद पवन था,
लहराता इससे मधुवन था,
सहसा इसका टूट गया जो स्वप्न महान, समझ पाओगे?
तुम तूफान समझ पाओगे ?

तोड़-मरोड़ विटप-लतिकाएँ,
नोच-खसोट कुसुम-कलिकाएँ,
जाता है अज्ञात दिशा को ! हटो विहंगम, उड़ जाओगे !
तुम तूफान समझ पाओगे ?

- हरिवंशराय बच्चन